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जौनपुर की मशहूर इमरती को जीआई टैग मेे सफलता

                                       


जौनपुर की मशहूर इमरती को जीआई टैग मेे सफलता 


ब्रिटिश काल से बन रही इमरती को आखिरकार दो साल के अथक प्रयास से जीआई टैग मिल गया। जानकारी होते ही इमरती बनाने वाले परिवार के साथ-साथ सरकारी महकमे में भी खुशी की लहर दौड़ गई। उपायुक्त उद्योग हर्ष प्रताप सिंह ने बताया कि दो साल से जौनपुर की मशहूर इमरती को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा था। नई पहचान से जौनपुर की मशहूर इमरती को देश और विदेश में विशेष स्थान प्राप्त होगा। काशी देश ही नहीं बल्कि दुनिया में जीआई उत्पादों का हब बनने जा रही है। शनिवार को बनारस की ठंडई, शहनाई और तबला के साथ- साथ लाल पेड़ा, भरवां मिर्च और चिरईगांव का करौंदा भी जीआई टैग मिल गया। अब बनारस के साथ-साथ यूपी, देश में शीर्ष जीआई उत्पाद वाला राज्य बन गया है। बनारस में जहां सबसे अधिक 32 उत्पाद जीआई हो गए हैं, तो राज्य में संख्या 69 तक पहुंच गई है।


जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में जीआई रजिस्ट्री चेन्नई कार्यालय में 160 नए उत्पाद जीआई पंजीकृत हुए। उनमें उत्तर प्रदेश के 14 उत्पादों के साथ-अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेधालय, असम, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात और उत्तराखंड के भी जीआई शामिल हैं। पिछले साल 55 जीआई टैग की तुलना में यह तीन गुना के बराबर है।

ये हैं बनारस परिक्षेत्र के जीआई उत्पाद

बनारस ब्रोकेड्स और साड़ी, बनारसी लंगड़ा आम, हैंडमेड कारपेट ऑफ भदोही, रामनगरी भंटा, बनारसी गुलाबी मीनाकारी, बनारसी पान, वाराणसी वुडेन लेकरवियर एंड ट्वायज, आदमचीनी चावल, मिर्जापुर की हैंडमेड दरी, वाराणसी ग्लास बीड्स, निजामाबाद का ब्लैक पाटरी, मऊ साड़ी, बनारस का मेटल रिपोजी क्राफ्ट, गोरखपुर का टेराकोटा, गाजीपुर की वाल हैंगिंग, बनारसी ठंडई, वाराणसी साफ्ट स्टोन जाली वर्क, बनारसी तबला, चुनार का बलुआ पत्थर, बनारसी शहनाई, बनारस का लाल भरवा मिर्च, वाराणसी वुड कार्निंग।  


जीआई टैग क्या है?


जीआई टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति है। दूसरा कोई नकल या अनुकरण नहीं कर सकता है। इसकी वैधता 10 साल के लिए होती है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मादड़ ने कहा कि जौनपुर की इमरती का जीआई का पंजीयन होने से देश विदेश में नई पहचान मिलेगी जो जनपदवासियो के लिये गर्व की बात है। सीडीओ तेजा सीलम सांई ने बताया कि यहां के उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराकर नए बाजार स्थापित होंगे। उपायुक्त उद्योग हर्ष प्रताप सिंह ने कहा कि जौनपुर के मशहूर मूली एवं मक्का के साथ जौनपुर इत्र के जीआई पंजीयन की प्रकिया शीध्र शुरू की जाएगी। पिछले दिनों आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इमरती की तारीफ मंच से की थी। खुद पूर्व पीएम चन्द्रशेखर भी इमरती को काफी पंसद करते थे। 

✍️ राजन कुमार बदलापुर 

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