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भारतीय संविधान के जनक ही नहीं देश के पहले कानून मंत्री भी थे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

                                                                           



भारतीय संविधान के जनक ही नहीं देश के पहले कानून मंत्री भी थे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 


जौनपुर जनपद के बदलापुर तहसील क्षेत्र के सागर इंटरनेशनल स्कूल नेवादा मुरीदपुर (मछलीगांव) में कार्यकर्ताओं ने संविधान निर्माण के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की 133 जयंती धूमधाम से मनाई गई जिसके द्वारा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की बारे में वह संविधान के जनक ही नहीं कानून मंत्री और समाज सुधारक भी थे और महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिए थे 


डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के जीवन से जुड़ी कुछ बातें


साल 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री बने थे। 

डॉ. भीमराव अंबेडकर पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भगवान बुद्ध की खुली आंखों वाली पेंटिंग बनाई थी। उससे पहले दुनिया भर में अधिकतर सभी मूर्तियों की आंखें बंद होती थीं।

डॉ. भीमराव अंबेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। 

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने देश में लेबर कानून से जुड़े कई बड़े बदलाव किए थे। उन्होंने साल 1942 में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7 वें सत्र में काम के घंटों में बदलाव किया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मैनेजर प्रवीण कुमार यादव प्रिंसिपल अजीत कुमार मिश्रा बड़े बाबू संजीव कुमार मैनेजमेंट ऑफिसर प्रवीण तिवारी बाबू राम अरुण पवन त्रिभुवन ज्योति सुमन नीलम पूनम लक्ष्मी कुसुम विभा रुचि रेशमा शिल्पा इत्यादि

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